क्या होता है दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ क्या होते हैं फायदेः
दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ  अश्वमेघ यज्ञ  के समान माना गया है। दुर्गा सहस्त्रनाम में मां दुर्गा के 1000 नामों का जाप किया जाता है। इसका पाठन और श्रवण करने वाले को समस्त दुखों और नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है। कष्टों से मुक्ति पाने का यह बहुत ही आसान उपाय है। इसका पाठ करनेे से जीवन म…
नवरात्रि पर विंध्याचल में कराएं दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ पाएं अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य
जा के फायदे - शत्रुओं का भय दूर होता है। ग्रहों के कारण आ रही बुरी दशाएं समाप्त होती हैं। धन आने के रास्ते खुलते हैं। दीर्घायु, चतुर्रयता प्राप्त होती है। नजर दोष दूर होता है। विंध्याचल 51 शक्तिपीठों में से एक है। इसकी खासियत है कि यहां पर तीन किलोमीटर के दायरे में तीनों देवियां विराजति हैं। यहां प…
अगर आपके पास है BS6 इंजन बाइक या स्कूटर, तो भूलकर न करें ये गलतियां
BS4 और BS6 गाड़ियों में सबसे बड़ा अंतर कैब्युरटर (Carburettor) का है, क्योंकि नए उत्सर्जन मानक वाली गाड़ियों में फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम दिया गया है। यहां तक कि छोटे से छोटे वाहन में भी फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम मिलेगा। अगर आपके पास बीएस6 बाइक या स्कूटर है तो आपको थोड़ी सावधानी रखने की जरूरत है। क्योंकि …
आर्थिक स्थिति
चाणक्य के अनुसार जीवन में कभी भी हमें अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में किसी को भी नहीं बताना चाहिए। परेशानी कैसी भी क्यों न आ जाए, खुद पर विश्ववास रखें और आगे बढ़ते रहें। हर किसी को अपनी परेशानी बता कर उसका समाधान नहीं निकलेगा, बल्कि आपका मजाक बना दिया जाएगा।
चैत्र नवरात्रि 2020: जानिए घट स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मां के नौ स्वरूप का मतलब
25 मार्च, बुधवार से चैत्र नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होकर रामनवमी तक मां दूर्गा का पावन पर्व नवरात्रि मनाया जाएगा। इन नौं दिनों मेें मां के नौं रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों उपवास का भी विशेष महत्व होता है। …
लग गया है खरमास, नहीं होंगे कोई भी शुभ काम, जानें मांगलिक कार्य प्रारंभ तिथि और विवाह शुभ मुहूर्त
14 मार्च, शनिवार से खरमास की शुरुआत हो गई है। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करते ही खरमास लग जाता है। 14 मार्च से 13 अप्रैल तक खरमास रहेगा, और इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्यों की मनाही होती है। विवाह, जनेऊ संस्कार, आदि सभी तरह के मांगलिक कार्य इस माह में प्रतिबंधित होते हैं।